दोस्तों बरसात किसे पसंद नहीं. हम सभी को है. लेकिन यही बरसात कभी कभी नापसंद में बदल जाती है. भारत, एक ऐसा देश जहा बाढ़ की खबरें आम बात है. असाम, बिहार, पूर्वोत्तर राज्य अक्सर बारिश की मार खाते है. प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती इसलिए इस मार से पूरी तरह बचा नहीं जा सकता, पर होने वाले नुकसान को कम करने की कोशिश की जा सकती है. आइये नज़र डालते की बरसात में हमारा पैसा पानी की तरह ना बहे इसलिए क्या कर सकते है.
1. छत – जी हाँ वही छत जो हमें संरक्षण देती है. छत में अगर सीलन हो गयी तो पानी टपकने लगता है और धीरे धीरे दीवारों में उतरने लगता है. ऐसे में ज़रूरी है की हम अपनी छत को तिरपाल जिसे अंग्रेजी में Tarpaulin कहते है उससे ढँक ले. इसलिए बरसात का इंतज़ार ना करे और दो महिना पहले ही तिरपाल खरीद ले. उस वक़्त उसके दाम भी कम रहेंगे.
2. बारिश का मौसम साथ में बीमारियाँ भी लाता है. ख़राब पानी की वजह से बच्चे सबसे जल्दी बीमार पड़ते है. एक बार बच्चे बीमार पड़ गए, फिर डॉक्टर का खर्चा, दवाइयों का खर्चा. बेहतर है पानी उबाल कर पिए, ताकि डॉक्टर के पास जाने की नौबत ही ना आये.
3. टू व्हीलर (मोपेड/गाडी) – आज की तारीख में एक सामान्य मोपेड की कीमत लगभग एक लाख रुपये हो गयी है. और आने वाला समय EV (electronic vehicle) का है जिसमे गाड़ियाँ बैटरी से चलेगी. या यूँ कहूँ वो समय शुरू हो चूका है. गाड़ियों को प्लास्टिक के कवर से ढँक कर रखे. हो सके तो उन्हें कुछ ऐसी ऊंचाई पर रखे जहाँ पानी में डूबने का खतरा ना हो.
4. छतरी, बरसाती, बरसाती जूते यह सब जैसे ही बाज़ार में दिखना शुरू हो जाये, इसे खरीद के रख ले. भले बरसात को एक महीने का वक़्त हो. तब यह सब सस्ते दामों में मिलेंगे. क्यूंकि जब बरसात में इनकी मांग बढ़ जाएगी तो दुकानदार इन्हें मनमाने भाव में बेचेगा.
5. बरसात में चाय का सेवन बढ़ जाता है. अगर परिवार में लोग ज्यादा हो तो चाय निरंतर बनती रहती है. गर्मियों में लोग चाय पीना ज्यादा पसंद नहीं करते, ऐसे में अक्लमंदी यही है की चायपत्ती तभी ज्यादा मात्रा में खरीद के रख ले, क्यूंकि गर्मियों के बाद बरसात आती है और उसके बाद ठण्ड.
6. बरसात के दिनों में लोग अक्सर घुमने जाना पसंद करते है. ऐसे में समझदारी यही होगी को जहाँ जाना चाहते है, उस जगह की होटल बूकिंग दस से पंद्रह दिन पहले ही कर ले. उनसे आप discount भी मांग सकते है.
7. अगर आपके यहाँ लकड़ी का दरवाज़ा या लकड़ी की खिड़कियाँ है जिन पर सीधा बारिश का पानी पड़ रहा है, तो उन्हें एक महिना पहले ही पेंट कर दे. यकीन कीजिये इससे उनकी उम्र बढ़ जाएगी.
8. बरसात के दिनों में party करने का mood सबका होता है. लोग clubs या pubs जाना पसंद करते है. वहां जाने के बजाय किसी एक दोस्त के घर पर party कर सकते है. सबकी जेब से थोडा थोडा पैसा बच जायेगा.
9. विद्युत् से चलने वाले उपकरण जैसे की पानी की मोटर, इलेक्ट्रिक बोर्ड, बिजली का मीटर अगर खुले में है तो इन्हें प्लास्टिक से ढँक कर रखे. अनजाने में यह पानी का शिकार हो जाते है और ऐसे में कोई भी दुर्घटना हो सकती है.
10. बरसात के दिनों में पकोड़े खाने की सबकी इच्छा होती है. अगर आप छोटा मोटा रेस्तरां चला रहे है तो एक महिना पहले ही बेसन जमा कर ले. दालें दिन-ब-दिन महँगी होती जा रही है, इसलिए चने की दाल पहले से खरीद के रख ले.
याद रखे की बूंद बूंद से ही सागर बनता है और थोड़े थोड़े पैसे बचाकर ही हम बड़ा पैसा बचा सकते है. पैसे बचाना एक कला है. इसका अर्थ यह नहीं की कोई व्यक्ति कंजूस है. पैसा बचाना और कंजूस होना दो अलग अलग बातें है. यह हम पर निर्भर करता है की हम पैसों का इस्तेमाल किस तरह करते है.