
क्या Gold ETF शॉर्ट टर्म के लिए अच्छा है? Gold! सुनते ही आँखों में चमक आ जाती है. अंग्रेज़ी में एक कहावत है – “Gold is the only metal that shines even in the darkest time.” अर्थात – बुरी से बुरी परिस्थिति में, सोना आपका साथ देगा. जब भी बात सोने की होती है तो यह एक सदाबहार निवेश है. इसकी मांग कभी ख़त्म नहीं होती और इसलिए इसकी कीमत बढती ही रहती है. इससे पहले हम Gold ETF की बात करे, पहले ETF समझ लेते है. याद रखिये वित्तीय साक्षरता (financial literacy) में एक एक शब्द का भारी मतलब होता है और यह सब एक दुसरे से जुड़े होते है.
ETF क्या होता है?
ETF का मतलब होता है Exchange Traded Fund. मतलब की ऐसा फण्ड जिसकी ट्रेडिंग stock exchange पर होती है. यह एक ऐसा फंड होता है, जो अलग अलग Assets जैसे की Stocks, bonds, commodities को ट्रैक करता है और निवेशक के portfolio को विविधता (Diversification) प्रदान करता है.
ETFs passive investing के अंतर्गत आते है क्यूंकि यह किसी और के परफॉरमेंस को track कर रहे होते है. इसमें निवेशक कुछ नहीं कर सकता. चूँकि यह एक passive investment है इसलिए इसका expense ratio भी कम होता है.
जब हम म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है तो उसके बदले हमें units मिलते है. किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड का आंकलन उसके NAV से किया जाता है. NAV बढ़ रहा है मतलब फण्ड अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. फण्ड का NAV दिन में सिर्फ एक बार बदलता है और यह दिन के ख़त्म होने पर पता चलता है.
लेकिन ETF में ऐसा नहीं होता. ETF के units की ट्रेडिंग होती है. ठीक वैसे ही होती है जैसे shares की. मतलब इनकी कीमत हर सेकंड के साथ बदलती रहती है और हम इन्हें buy और sell कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड और ETF दोनों का स्वभाव अलग अलग है. इतना समझ लीजिये की अगर हम stocks में directly निवेश नहीं करना चाहते तो indirectly निवेश करने के लिए म्यूच्यूअल फंड्स और ETF दोनों अच्छे विकल्प है.
ETF कई तरह के होते है. उदाहरण के लिए – Equity ETFs, Commodity ETFs, Debt ETFs, Gold ETFs, Index ETF, Bond ETFs, Currency ETFs etc. जैसा नाम वैसा काम. अब बात करते है Gold ETF की.
Gold ETF क्या होता है?
Gold ETF एक ऐसा फंड है जो, हमारे घरेलु बाज़ार में सोने के भाव को track करता है, उसे follow करता है. यह passive investment instrument है जो सोने की कीमत पर आधारित होते है और Gold bullion (सोने के सिक्के, सोने की बिस्किट) में निवेश करते है. Gold bullion को हम खरा सोना भी कहते है क्यूंकि यह 99.5% से 99.99% शुद्ध होता है. Gold ETF की हर यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होता है.
आसान भाषा में, Gold ETF, भौतिक सोने (physical gold) का कागज़ या dematerialized रूप में प्रतिनिधित्व करता है. Dematerialised मतलब demat account के रूप में. Gold ETF को किसी भी कंपनी के स्टॉक की तरह National Stock Exchange (NSE) और Bombay Stock Exchange (BSE) पर trade किया जाता है.
Gold ETF के फायदे.
- गोल्ड ईटीएफ उन investors / निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जो सोने में निवेश तो करना चाहते हैं लेकिन gold खरीदकर जमा करने का सरदर्द नहीं पालना चाहते.
- इसमें सोने की शुद्धता पर कोई संदेह नहीं क्यूंकि यह 99.5% से 99.99% खरा होता है.
- आभूषण (Jewellery) खरीदने की तुलना में कोई मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता.
- कम से कम 1 ग्राम भी खरीद सकते है.
- किसी भी तरह की चोरी का डर नहीं क्यूंकि Demat अकाउंट में होता है. Safe deposits / Locker charge का भी खर्चा नहीं.
- Entry / Exit load नहीं लगता.
Gold ETF के नुकसान.
- आपके हाथ में भौतिक सोना (physical gold) कभी नहीं होगा.
- Gold ETF को मैनेज करने के लिए Fund Houses एक्सपेंस रेश्यो (Expense Ratio) चार्ज करते है, जो 0.5% से 1% तक हो सकता है.
- Gold ETF से कोई ब्याज (Interest) या डिविडेंड (Dividend) नहीं मिलता, जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) पर 2.5% वार्षिक ब्याज मिलता है. वैसे यह बात ध्यान में रहे की भारत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बंद कर दी है.
Taxation
भारत में Gold ETF को Capital Asset (पूंजीगत संपत्ति) माना जाता है और इस पर Capital Gain Tax लगता है.
Short Term Capital Gain (STCG)
(1) अगर आपने 1 अप्रैल, 2023 और 31 मार्च, 2025 के बीच यूनिट्स ख़रीदे है, तो मुनाफ़े को टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाएगा और लागू Income tax rates (होल्डिंग अवधि के बावजूद) के हिसाब से टैक्स लगेगा.
(2) अगर आपने 31 मार्च, 2025 के बाद यूनिट्स ख़रीदे हैं, और 12 महीने से पहले बेचते हैं, तो मुनाफ़े को टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाएगा और लागू Income tax rates के हिसाब से टैक्स लगेगा.
Long Term Capital Gain (LTCG)
(1) अगर आपने 1 अप्रैल, 2023 और 31 मार्च, 2025 के बीच यूनिट्स ख़रीदे है, तो मुनाफ़े को टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाएगा और लागू Income tax rates के हिसाब से टैक्स लगेगा.
(2) अगर आपने 31 मार्च, 2025 के बाद यूनिट्स ख़रीदे है और 12 महीने बाद बेच दिया, तो indexation के फ़ायदे के बिना मुनाफ़े पर 12.5 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.
सारांश
Gold ETF कम समय का निवेश (short term investment) और डिजिटल सोना खरीदने के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन अगर आप लंबी अवधि का निवेश (long term investment) ब्याज लाभ, या भौतिक सोना (physical gold) चाहते हैं, तो भौतिक सोना (physical gold) बेहतर विकल्प हो सकते हैं.